नाग पंचमी मनाने की शुरुआत कैसे हुई? कौन-कौन सी कथाएँ हैं प्रचलित?

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस पावन तिथि पर नाग देवता की पूजा की जाती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, नागों को विशेष स्थान दिया जाता है और उन्हें देवता की तरह में पूजा जाता है। इस बार सावन में नाग पंचमी का त्योहार शुक्रवार 9 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। नाग पंचमी मनाने की शुरुआत को लेकर तीन कथाएँ प्रचलित हैं - १. प्रथम कथा के अनुसार, महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को राजा बना दिया और खुद स्वर्ग की यात्रा पर निकल गए थे। राजा परीक्षित के समय ही धरती पर कलियुग का आगमन हो गया था। राजा परीक्षित की मृत्यु नाग देव के डंसने से हुई थी। परीक्षित का पुत्र जनमेजय नागों से अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने का फैसला किया। उसने पृथ्वी के सभी नागों को मारने के लिए नाग दाह यज्ञ शुरू किया। इस यज्ञ में पूरी पृथ्वी के नाग आकर जलने लगे। जब ये बात आस्तिक मुनि को मालूम हुई तो वे राजा जनमेजय को समाझाया और ये यज्ञ रुकवाया। जिस दिन ये घटना घटी, उस दिन सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी थी। उस दिन आस्तिक मुनि के कारण नागों की रक्षा हो गई। इस...